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13-03-2025 Vol 19

इंडिया गेट का इतिहास, वास्तुकला और राष्ट्रीय महत्व 

भारत की राजधानी नई दिल्ली में मौजूद इंडिया गेट देश की शान और वीरता का प्रतीक है। यह स्मारक उन शहीदों की याद में बनाया गया था, जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) और अफगान युद्ध में अपनी जान कुर्बान कर दी। यह स्मारक न सिर्फ़ एक यादगार निशानी है, बल्कि राष्ट्र प्रेम और बलिदान की भावना को भी दर्शाता है।

इतिहास और निर्माण

इंडिया गेट का निर्माण ब्रिटिश सरकार की और से कराया गया था। इसे एडविन लुटियंस ने डिज़ाइन किया था, जो दिल्ली के कई प्रसिद्ध भवनों और मार्गों के निर्माण से जुड़े थे। 10 फरवरी 1921 को इसका शिलान्यास किया गया और इसे 1931 में जनता के लिए खोला गया। यह स्मारक 42 मीटर ऊँचा है और इसकी बनावट फ्रांस के आर्क डी ट्रायम्फ़ से प्रेरित है।

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इंडिया गेेट पर परेड

इसकी दीवारों पर 13,300 से ज़्यादा भारतीय और ब्रिटिश सैनिकों के नाम लिखे हुए हैं, जिन्होंने ब्रिटिश सेना के लिए लड़ते हुए बलिदान दिया। शुरुआत में इसे युद्ध स्मारक के रूप में बनाया गया था, लेकिन आज यह राष्ट्र की एकता और अखंडता का प्रतीक बन चुका है।

अमर जवान ज्योति

1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद, भारत सरकार ने इंडिया गेट के नीचे अमर जवान ज्योति की स्थापना की। यह एक हमेशा जलने वाली ज्योति है, जो शहीद सैनिकों के प्रति सम्मान प्रकट करती है। यहाँ एक राइफल पर सैनिक की टोपी रखी गई है, जो बलिदान की भावना को दर्शाती है। हर राष्ट्रीय पर्व पर यहाँ राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा प्रमुख श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

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अमर जवान

वास्तुकला और संरचना

इंडिया गेट की वास्तुकला बेहद शानदार और आकर्षक है। यह रेत पत्थर से बना हुआ है, जो इसे एक शाही और ऐतिहासिक रूप प्रदान करता है। इसके आसपास हरियाली, फव्वारे और खुले मैदान हैं, जो इसे एक आकर्षक पर्यटन स्थल भी बनाते हैं।
रात के समय जब इसे रंगीन रोशनी से सजाया जाता है, तो यह बेहद खूबसूरत नजर आता है। खासकर गर्मियों में लोग यहाँ आकर ठंडी हवाओं का आनंद लेते हैं और देश के इस ऐतिहासिक धरोहर को निहारते हैं।

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इंडिया गेट

आज का महत्व

आज इंडिया गेट सिर्फ़ एक युद्ध स्मारक नहीं बल्कि राष्ट्रीय एकता, सम्मान और गौरव का प्रतीक है। हर वर्ष गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) पर राजपथ पर निकलने वाली परेड इसी से होकर गुजरती है। यह एक पर्यटन स्थल भी बन चुका है, जहाँ देश-विदेश से लोग इसे देखने आते हैं।

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abdullah

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