आज के दौर में मोटापा सिर्फ़ बड़ों की ही नहीं, बल्कि बच्चों की भी एक संजीदा समस्या बन चुकी है। भारत समेत पूरी दुनिया में बचपन का मोटापा तेज़ी से बढ़ रहा है, और यह बच्चों के स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक, 1990 के मुकाबले 2024 तक बच्चों और नौजवानों में मोटापे की दर चार गुना तक बढ़ गई है। यह आंकड़ा बेहद चिंताजनक है, क्योंकि मोटापा सिर्फ़ शरीर के बढ़े हुए वज़न तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह कई गंभीर बीमारियों को भी जन्म देता है।
बचपन में मोटापा क्यों बढ़ रहा है?
बच्चों में मोटापे की बढ़ती समस्या के पीछे कई वजह हैं। आज की जीवनशैली पहले से काफी अलग हो चुकी है। चलिए, उन कारणों पर नज़र डालते हैं:
जंक फूड और अस्वस्थ खानपान: फास्ट फूड, कोल्ड ड्रिंक्स और प्रोसेस्ड फूड का सेवन बच्चों में बढ़ रहा है। ये चीजें कैलोरी से भरपूर होती हैं और शरीर में अतिरिक्त चर्बी जमा कर देती हैं।
फिजिकल एक्टिविटी की कमी: पहले के समय में बच्चे बाहर खेलते-दौड़ते थे, लेकिन आज के बच्चे मोबाइल, टीवी और वीडियो गेम्स में ज़्यादा व्यस्त रहते हैं। इससे उनकी फिजिकल एक्टिविटी काफी कम हो गई है।
अनियमित दिनचर्या: देर रात तक जागना, समय पर न सोना और असंतुलित आहार लेने से भी मोटापे की समस्या बढ़ रही है।
तनाव और मानसिक दबाव: पढ़ाई और अन्य प्रतिस्पर्धाओं का दबाव बच्चों में तनाव बढ़ा रहा है, जिसके कारण कई बार वे ज़रूरत से ज़्यादा खाने लगते हैं।
मोटापा और स्वास्थ्य पर असर
मोटापा सिर्फ़ शारीरिक लुक को प्रभावित नहीं करता, बल्कि यह कई बीमारियों का कारण भी बनता है। कुछ प्रमुख समस्याएं इस प्रकार हैं:
- डायबिटीज़ (मधुमेह): कम उम्र में ही डायबिटीज़ जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
- हार्ट डिज़ीज़: मोटे बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की समस्या देखने को मिलती है, जो आगे चलकर हार्ट अटैक का कारण बन सकती है।
- सांस की दिक्कतें: ज़्यादा वज़न के कारण बच्चों को सांस लेने में परेशानी हो सकती है।
कम आत्मविश्वास: मोटे बच्चों को कई बार समाज में तानों का सामना करना पड़ता है, जिससे उनका आत्मविश्वास प्रभावित हो सकता है।
कैसे करें बच्चों के मोटापे को कम?
मोटापे को रोकने और नियंत्रित करने के लिए माता-पिता और स्कूलों को मिलकर प्रयास करने होंगे। कुछ उपाय इस प्रकार हैं:
- स्वस्थ खानपान: बच्चों को हेल्दी डाइट देनी चाहिए, जिसमें फल, सब्ज़ियां, दालें और प्रोटीन युक्त चीजे़ं शामिल हों।
- नियमित व्यायाम: बच्चों को रोज़ कम से कम 1 घंटे तक कोई फिजिकल एक्टिविटी करनी चाहिए, जैसे दौड़ना, साइकिल चलाना, योग या खेलकूद।
- स्क्रीन टाइम कम करें: मोबाइल और टीवी पर ज़्यादा समय बिताने से बचें। बच्चों को बाहर खेलने के लिए प्रेरित करें।
- पर्याप्त नींद: बच्चों को कम से कम 8-10 घंटे की नींद लेनी चाहिए, ताकि उनका शरीर स्वस्थ रहे।
- मनोवैज्ञानिक समर्थन: बच्चों को मेंटल हेल्थ सपोर्ट देना जरूरी है, ताकि वे तनाव में ज़्यादा खाने जैसी आदतों से बच सकें।
बचपन का मोटापा एक गंभीर समस्या है, लेकिन सही खानपान, एक्सरसाइज़ और अनुशासित दिनचर्या से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। माता-पिता को बच्चों की सेहत पर ख़ास ध्यान देना चाहिए और उन्हें ऐसी जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना चाहिए, जिससे वे न सिर्फ़ फिट बल्कि आत्मविश्वासी भी बनें।
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