बिहार सरकार ने चमकी बुखार यानि एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) की रोकथाम के लिए व्यापक रणनीति तैयार की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देशानुसार स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की अध्यक्षता में एक अहम समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें सभी ज़िलाधिकारियों और सिविल सर्जनों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए शिरकत की।
स्वास्थ्य मंत्री ने निर्देश दिया कि चमकी बुखार से बचाव के लिए समय से पहले सतर्कता बरती जाए और ठोस कार्ययोजना बनाई जाए। प्रभावित ज़िलों में सतत जागरूकता अभियान, बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, पोषण स्तर में सुधार, साफ़-सफ़ाई और शुद्ध पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए समन्वित प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा, “हर बच्चा हमारे लिए अनमोल है।”

सरकारी अस्पतालों में आवश्यक दवाओं और उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। आशा, एएनएम, जीविका सदस्य, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के सहयोग से गांव-गांव तक जागरूकता फैलाई जाएगी। संभावित मामलों की निगरानी के लिए विशेष टीमों का गठन किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, साल 2024 में 2.56 लाख से अधिक लोगों को एईएस रोकथाम का प्रशिक्षण दिया गया है। वहीं, मुज़फ्फ़रपुर के अतिप्रभावित क्षेत्रों में 5 AES kit, अन्य ज़िलों में 2-2 किट और 100 किट रिज़र्व रखी गई हैं।
इस बैठक में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।
ये भी पढ़ें: BPSC Exam Calendar 2025: बिहार में सरकारी नौकरियों की बहार, जानें कब होगी कौन सी परीक्षा?
आप हमें Facebook, Instagram, Twitter पर फ़ॉलो कर सकते हैं और हमारा YouTube चैनल भी सबस्क्राइब कर सकते हैं।