Tuesday

23-12-2025 Vol 19

Category: Hindi

मीर अनीस: मर्सिया का वो फ़नकार जिसने ग़ज़ल से आगे की दुनिया रच दी

“उर्दू शायरी सिर्फ़ ग़ज़ल तक महदूद नहीं — मीर अनीस ने मर्सिये में वो गहराई और जज़्बात पैदा किए जिन्हें…

मुहर्रम और करबला: इंसानियत की सबसे बड़ी कुर्बानी की दास्तान

हर साल जब इस्लामी साल की पहली तारीख़ आती है, तो एक ग़म का मौसम शुरू होता है यानि मोहर्रम।…

जावेद अख़्तर: शायरी, गीत और फ़िल्मों का बेमिसाल फ़नकार

हिंदी सिनेमा की रूह में अगर किसी कलमकार का नाम हमेशा ज़िंदा रहेगा, तो वो हैं जावेद अख़्तर। एक ऐसा…

ख़्वाजा मीर दर्द दिल-ओ-रूह की आवाज़

जब भी उर्दू शायरी की रूहानी रिवायत और सूफ़ियाना तेवरों का ज़िक्र होता है, तो जो नाम सबसे पहले ज़ेहन…

बशीर बद्र ने सिर्फ़ 85 रुपये महीने पर पुलिस में नौकरी की!

बशीर बद्र का नाम लेते ही एक ऐसे शायर का अक्स ज़ेहन में उभरता है, जिसने उर्दू ग़ज़ल को सिर्फ़…

कैफ़ी आज़मी: वो शायर जो लफ़्ज़ों में बुनता था इंक़लाब

“शायर सिर्फ़ महबूब की आंखों का तर्ज़ुमान नहीं होता, वो ज़माने की आंख का शाहिद भी हो सकता है।”अगर इस…

राहुल गांधी की बात का असर – देर से सही, सरकार को मानना पड़ा!

महिला आरक्षण बिल राहुल गांधी ने सालों से संसद में 33% महिला आरक्षण की मांग की थी।सरकार ने इसे लंबे…

जौन एलिया: इश्क़, इनकार और इल्म का आईना

उर्दू शायरी के अफ़्क़ार में अगर कोई नाम सबसे ज़्यादा तल्ख़, सबसे ज़्यादा दिलफ़िगार और सबसे ज़्यादा पुरअसर नज़र आता…

जाति जनगणना: हक़ और बराबरी की नई इबारत

देश में जाति की जड़ें बहुत पुरानी हैं. इसका असर आज भी हमारे रोज़मर्रा के सिस्टम में साफ दिखता है.…

वसीम बरेलवी की शायरी: बुज़ुर्गों की धरोहर और नौजवानों की मशाल

जब कभी मोहब्बत, तन्हाई, समाज और इंसानियत की बात होती है, तो एक नाम अक्सर दिल में दस्तक देता है…