Thursday

12-06-2025 Vol 19

Category: more

जावेद अख़्तर: शायरी, गीत और फ़िल्मों का बेमिसाल फ़नकार

हिंदी सिनेमा की रूह में अगर किसी कलमकार का नाम हमेशा ज़िंदा रहेगा, तो वो हैं जावेद अख़्तर। एक ऐसा…

ख़्वाजा मीर दर्द दिल-ओ-रूह की आवाज़

जब भी उर्दू शायरी की रूहानी रिवायत और सूफ़ियाना तेवरों का ज़िक्र होता है, तो जो नाम सबसे पहले ज़ेहन…

बशीर बद्र ने सिर्फ़ 85 रुपये महीने पर पुलिस में नौकरी की!

बशीर बद्र का नाम लेते ही एक ऐसे शायर का अक्स ज़ेहन में उभरता है, जिसने उर्दू ग़ज़ल को सिर्फ़…

Owaisi: In times of terror, stand together—leave politics behind

The tragic incident in Pahalgam, where 26 innocent lives were lost, wasn’t just a terrorist attack – it was a…

कैफ़ी आज़मी: वो शायर जो लफ़्ज़ों में बुनता था इंक़लाब

“शायर सिर्फ़ महबूब की आंखों का तर्ज़ुमान नहीं होता, वो ज़माने की आंख का शाहिद भी हो सकता है।”अगर इस…

Counting Castes, Shaping Futures: Why India’s Caste Census Matters Now More Than Ever

The caste census debate underscores a deeper struggle between competing visions of India—one that aspires toward a casteless society through erasure, and another that seeks to achieve social justice...

सोहैल ख़ान: भारत का सितारा जो कुडो वर्ल्ड कप 2025 में चमकने को तैयार

भारत को गर्व है कि, होनहार खिलाड़ी सोहैल ख़ान को कुडो इंटरनेशनल फेडरेशन (KIF) ने M-250 श्रेणी में विश्व में…

राहुल गांधी की बात का असर – देर से सही, सरकार को मानना पड़ा!

महिला आरक्षण बिल राहुल गांधी ने सालों से संसद में 33% महिला आरक्षण की मांग की थी।सरकार ने इसे लंबे…

जौन एलिया: इश्क़, इनकार और इल्म का आईना

उर्दू शायरी के अफ़्क़ार में अगर कोई नाम सबसे ज़्यादा तल्ख़, सबसे ज़्यादा दिलफ़िगार और सबसे ज़्यादा पुरअसर नज़र आता…

जाति जनगणना: हक़ और बराबरी की नई इबारत

देश में जाति की जड़ें बहुत पुरानी हैं. इसका असर आज भी हमारे रोज़मर्रा के सिस्टम में साफ दिखता है.…