रजबपुर (अमरोहा): माह-ए-रमज़ान की इबादतों और रोज़ों के बाद रविवार की शाम चांद नज़र आते ही ईद-उल-फ़ित्र की ख़ुशियां हर तरफ़ बिखर गईं। सोमवार की सुबह रजबपुर ईदगाह में हज़ारों मुसलमानों ने अल्लाह की बारगाह में सजदा कर ईद की नमाज़ अदा की। दूर-दराज़ के गांवों से आए अकीदतमंद भी इस पाक मौके़ पर शामिल हुए और आपसी भाईचारे का पैग़ाम दिया।
रजबपुर ईदगाह में उमड़ा सैलाब, दुआओं से गूंजा माहौल
सुबह 8 बजे जैसे ही तक़रीर का ऐलान हुआ, लोग अल्लाह की हम्द व सना में मशगूल हो गए। इमाम साहब ने तक़रीर में रमज़ान की अहमियत और ईद-उल-फ़ित्र के मक़सद पर रोशनी डालते हुए ज़कात और फ़ित्रा की अहमियत बताई। उन्होंने मुसलमानों को तालीम, भाईचारे और अमन का पैग़ाम दिया।

नमाज़ अदा करने के बाद सबने मिलकर दुआ मांगी। इस दौरान मुल्क की तरक्की और अमन-चैन के लिए हाथ उठे। हर चेहरा ख़ुशी से दमक रहा था, आँखों में चमक और दिलों में इबादत का सुकून था। छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सबने एक-दूसरे को गले लगाकर ‘ईद मुबारक’ कहा और मोहब्बत व एकता का इज़हार किया।
इस बार भी अमरोहा और आसपास के इलाकों में ईद का त्यौहार पुरअमन और भाईचारे के माहौल में मनाया गया। मस्जिदों, मदरसों और दरगाहों पर ईद की मुबारकबाद देने वालों की भीड़ रही। इस मौक़े पर प्रशासन की ओर से सुरक्षा के भी पुख्ता इंतज़ाम किए गए थे।
ईद सिर्फ़ एक त्योहार नहीं, बल्कि मोहब्बत, रहमत और एकता का पैग़ाम है। यह हमें बताता है कि हमसाया (पड़ोसी) का हक़ अदा करें, ज़रूरतमंदों की मदद करें और इंसानियत का दामन थामे रखें।
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