Monday

09-06-2025 Vol 19

Tag: उर्दूशायरी

ख़्वाजा मीर दर्द दिल-ओ-रूह की आवाज़

जब भी उर्दू शायरी की रूहानी रिवायत और सूफ़ियाना तेवरों का ज़िक्र होता है, तो जो नाम सबसे पहले ज़ेहन…

शेख़ इब्राहीम ‘ज़ौक़’: जब बादशाह के सामने ग़ज़ल पढ़ने से किया मना

शेख़ मुहम्मद इब्राहीम ज़ौक़ का जन्म 1789 में दिल्ली के गली कासिम जान में हुआ। वही गली जहां बाद में…

वसीम बरेलवी की शायरी: बुज़ुर्गों की धरोहर और नौजवानों की मशाल

जब कभी मोहब्बत, तन्हाई, समाज और इंसानियत की बात होती है, तो एक नाम अक्सर दिल में दस्तक देता है…